मंगल दोष का उपाय है मंगलनाथ मंदिर में पूजा

मंगल दोष का उपाय है मंगलनाथ मंदिर में पूजा | Remedies of Mangal dosh is worship in MangalNath Temple  पुराणों में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन नगरी  को मंगल की जननी कहा गया है। उज्जैन में ही मंगलनाथ का मंदिर है इसी कारण इस मंदिर का विशेष महत्व है। पूरे भारत से लोग यहां पर आकर मंगल देव की पूजा अराधना करते हैं तथा जिनकी जन्मकुंडली में मंगल दोष / मांगलिक दोष होता है वह मंगल दोष की शांति हेतु मंगलनाथ मंदिर में आकर पूजा-अर्चना करते है कहा जाता है की यहाँ पूजा करने से मंगल-दोष से शीघ्र ही छुटकारा मिल जाता है। यह मंदिर भक्तों की समस्त विपदाओं को हर लेता है

क्या है मंगल दोष | मांगलिक दोष | Mangal Dosh | Mangalik Dosh 

यदि किसी जातक की जन्मकण्डली में लग्न (प्रथम भाव) पाताल (चतुर्थ भाव) जामित्र (सप्तम भाव ) अष्टम भाव तथा व्यय (द्वादश भाव), में मंगल बैठा हो तो  मांगलिक दोष कहलाता है

लग्ने व्यये च पाताले जामित्रे चाष्टमे कुजे।

कन्या भर्तुविनाशाय भर्ता कन्या विनाशकः।।

यह दोष होने पर कन्या अपने पति के लिए तथा पति कन्या के लिए घातक होता है। मंगल की यह स्थिति विवाह के लिए बहुत ही अशुभ मानी जाती है। दाम्पत्य संबंधों में तनाव व बिखराव, कार्य में बेवजह बाधा और असुविधा, घर में कोई अप्रिय घटना तथा किसी भी प्रकार की क्षति और पति-पत्नी की असामायिक मृत्यु का कारण मंगल दोष को माना जाता है।

मंगल दोष का उपाय

क्यों महत्त्व है ? उजैन के मंगलनाथ मंदिर का 

उजैन के क्षिप्रा नदी के तट पर मंगलेश्वर भगवान् का प्रसिद्ध मंगलनाथ का भव्य मन्दिर है।

ऐसा कहा जाता है कि मंगलनाथ मंदिर के ठीक शीर्ष के ऊपर ही आकाश में मंगल ग्रह स्थित है। मत्स्यपुराण एवं स्कंदपुराण आदि में मंगल देव के सम्बन्ध में  सविस्तार उल्लेख किया गया है जिसके अनुसार उज्जैन में ही मंगल देव की उत्पत्ति हुई थी तथा मंगल नाथ मंदिर ही वह स्थान है जहाँ देव का जन्म स्थान है जिस कारण से यह मंदिर दैवीय गुणों से युक्त माना जाता है।

मत्स्यपुराण के अनुसार —–

आवंत्या च कुजो जातो मगधे चहि माशुनः

इसी प्रकार कर्मकाण्डों और संकल्पों में भी – “अवन्तिदेशोद्भवभौमः”

इत्यादि उपर्युक्त प्रमाणों से स्पष्ट है कि मंगल की जन्मभूमि उज्जैन है । उज्जैन का यह मंगलनाथ मंदिर अन्य मंदिरों से बिलकुल भिन्न है।  मंगल का जन्म यहाँ होने के कारण ही इस स्थान को मंगल की जननी कहा गया है  और इस कारण यहाँ पर आकर मंगल की पूजा का विशेष महत्त्व है। जिस जातक की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में होकर अशुभ फल प्रदान कर रहा है वे लोग  मंगल की शांति के लिए यहाँ आकर पूजा अर्चना करते है और उन्हें शीघ्र ही उत्तम फल की प्राप्ति होती है।

मंगल को भगवान शिव और पृथ्वी का पुत्र भी कहा कहा गया है।। इस कारण इस मंदिर में मंगल की उपासना शिव रूप में भी की जाती है।

मंगलनाथ की पूजा का फल 

  1. मंगलनाथ की पूजा करने से शीघ्र ही मंगल दोष दूर हो जाता है।
  2. दाम्पत्य जीवन में होने वाली परेशानियां कम हो जाती है।
  3. मंगलो भूमि पुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः ‘ के अनुसार शीघ्र ही ऋण से छुटकारा मिल जाता है एवं धन प्राप्ति होती है।
  4. आपके व्यवसाय में वृद्धि होती है।
  5. आप में नेतृत्त्व शक्ति का विकास होगा।
  6. यदि आप में अथवा आपके बच्चे में चोरी करने की आदत है तो शीघ्र  ही छुटकारा मिल सकता है। 
  7. यदि आप बार-बार दुर्घटना के शिकार हो रहे है तो वहां पूजा करने से दुर्घटना से बच सकते हैं।

मंगल दोष का उपाय है मंगलनाथ मंदिर में पूजा 

ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में मंगल दोष है, वे अपने अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए मंगलनाथ मंदिर में पूजा-पाठ करवाने आते हैं, क्योंकि पुराणों में उज्जैन नगरी को मंगल की जननी कहा गया है और यहाँ  वैदिक रीति से पूजा  करने से  मंगल देव प्रसन्न होते है और दाम्पत्य जीवन में आने वाले अशुभ प्रभाव को कम कर देते हैं। वस्तुतः मंगल ग्रह की पूजा से मंगल ग्रह द्वारा प्रदत्त विनाशकारी प्रभावों को शांत व नियंत्रित कर सकारात्मक प्रभावों में वृद्धि की जा सकती है।

यहाँ होने वाली भात पूजा को भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी भात पूजा के माध्यम से मंगल दोष को दूर किया जाता है इस पूजा की व्यवस्था मंदिर प्रबंधन समिति के द्वारा किया जाता है।

मंगल दोष दूर करने के लिए किस दिन होती है विशेष पूजा

मंगलनाथ मंदिर में मार्च में आने वाली अंगारक चतुर्थी के दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन यहाँ विशेष यज्ञ-हवन किए जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन पूजा करने से मंगलदेव तुरंत ही प्रसन्न हो जाते है यही कारण है इस दिन मंगल ग्रह की शांति के लिए लोग दूर-दूर से उज्जैन नगरी में  आते हैं।

कैसा है ? मंगल भगवान का स्वरुप | Appearance of Lord Mangal

नव ग्रहों में मंगल भगवान भूमि और भ्राता कारक के रूप में जाने जाते है।  इन्हे भू-पुत्र,  अंगारक और खुज नाम से भी जाना जाता है।  वैदिक एवं पुराण साहित्य में  मंगल ग्रह शक्ति, वीरता, साहस और सेनानायक  के परिचायक है।  धर्म रक्षक भी माने जाते हैं।  मंगल देव को चार हाथ वाले त्रिशूल और गदा धारण किए हुए दर्शाया गया है।  यदि कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में है तो भगवान मंगल की पूजा से मंगल ग्रह की शाँति होती है तथा व्यक्ति ऋण मुक्त होकर धन लाभ प्राप्त करता है। मंगल ग्रह का रत्न है मूंगा। मूंगा धारण करने से मंगल द्वारा अशुभ परिणामों को शीघ्र ही कम किया जा सकता है।

मंगल भगवान की जन्म कथा  | Birth Story of Lord Mangal

मंगल देव से जुडी जन्म कथा का उल्लेख पुराण में  ‘स्कन्दपुराण’ के ‘अंवतिकाखंड’ में उल्लेख मिलता है। कथा के अनुसार अंधाकासुर नामक दैत्य था उसने भगवान शिव की उपासना की जिससे शिव जी प्रसन्न हुए और वरदान माँगने के लिए कहा  अंधकासुर ने  भगवान से वरदान मांगा कि मेरी रक्त बूंदे जहां भी गिरें वहीं पर मैं फिर से जन्म लेता रहूं। शिवजी ने कहा एवमस्तु  ऐसा ही होगा।इस वरदान को पाकर  दैत्य अंधकासुर चारों ओर तबाही फैला देता है शिव के वरदान स्वरूप कोई भी उसे हरा नहीँ पाता। इन दैत्यों के अत्याचार से त्रस्त जनता ने शिव की अराधना कीआप इस संकट से छुटकारा दिलाये तब शिव शंभु और दैत्य अंधाकासुर के बीच घनघोर युद्ध हुआ।

भगवान शिव जितनी बार भी अपने त्रिशूल से अंधकासुर को मारते और जब रक्त धरती पर गिरता वह पुन: जीवित हो जाता  इस प्रकार युद्ध लड़ते हुए शिवजी के पसीने की बूँदें धरती पर गिरीं, जिससे धरती दो भागों में फट गई और मंगल ग्रह की उत्पत्ति हुई। शिवजी के  त्रिशूल के वारों से घायल अंधकासूर का सारा रक्त इस नए ग्रह मंगल में मिल गया और अंधकासुर का अंत हो जाता है। रक्त के समाने से ही भुपुत्र का रंग लाल हो गया। राक्षस  का विनाश हुआ और शिव ने इस नए ग्रह को पृथ्वी से अलग कर ब्रह्मांड में फेंक दिया। इस कथा के आधार पर यही कारण है की मंगल दोष की शान्ति हेतु  इस मंगलनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए लोग आते हैं। इस मंदिर में मंगल वस्तुतः शिव स्वरूप  में ही स्थित हैं।

17 thoughts on “मंगल दोष का उपाय है मंगलनाथ मंदिर में पूजा”

  1. sabse kathor mangal ka nivaran ho sakta ha kya aur phir uske baad kya jisko mangal nahi hai uske saath shadi ho sakti h kya

    1. जी हां
      सबसे कठोर मंगल का उपाय भी होता हैं।
      उनके बाद अमांगलिक लड़की या लड़के से शादी की जा सकती हैं।

  2. Sir m manglik hun to agr jisse meri shadi ho wo manglik na ho to us pr kya parbabh padega or usko due krne ke upaye

  3. Gautam gupta

    Sir mera dob 17/6/1995 hai aur time 9:51 am hai. Sir hm bht ghor manglik hai aur mae love marriage krna chahta hu wo ldki manglik nh hai kya mera mangal dosh puri trh se khatm ho jaega mangalnath mandir me.

  4. Niharika shah

    Mera janam 25/7/1985 , 2:25 A.M. ko dhanbad (jharkhand) mai hua meri kundali ke 4th house mai mars aur sun hai 7th house mai ketu , chandra, shani hai bahut problems hai life mai please rasta batlaiye .thank you

  5. Sir mera janem Delhi m hua tha Mera name vidit Rana haie or mere life m to kuch bhie theak nhie haie na Koi job haie na sadhi hue or nahe Koi khas property ha lose to time Tu time hota haie m kya Kru kuch samaj ne aata yha tk ki 2 bar to presan ho k susid bhie kr liya us Ka bhie Koi result ne nikla gilti or file hota haie bad m

  6. Sir aap mere bari m plzz kuch jrur btana aap ki ati kirpia hoge 2 feb1991date of birth haie mere or Ram Lohia me janame hua tha time Ka sir ptaa nhie haie or ha sir email m esbar dalra hu us reply krna sir vo band ho gye vidit rana

  7. Aankit Sownhy

    Hi Sir,

    I have checked the Mangal Dosh in my Kundali and found that the Mangal Exist in 2 nd house of of Moon Chart as per Drikpanchang & Mpanchang website.

    My born state ia Madhya Pradesh Jabalpur 25/10/1989

    Now I dont know that I can proceed for the marriage with the Manglik Girl or Non Manglik girl.

    Please guide.

    Best Regrds,
    Aankit Sownhy

  8. Rajesh shakya

    Is on line booking for manual dish nivaran Luna. haw many days require for this looks.

  9. I’m Mangalik.or mere 12th house me mangal h..Kya mangal Puja k bad normal person se shadi ho skti h? Because I have very high mangal dosha in my kundali. Jiski wjh se mera koi b kaam nhi ho pa rha..apna pura 100% dene k bad b. I’m very tensed about it. Kya mangal pooja krane k bad mujhe thodi rahat milegi?

  10. Hi Sir,

    My date of birth 21 Nov. 1992, Jaipur, Rajasthan
    Time of birth 11.50 am

    Now I dont know that I can proceed for the marriage with the Manglik Girl or Non Manglik girl.
    Shadi kab hogi.

    Please guide me.
    Regards,

  11. Pingback: विस्तृत विवाह विचार – – Astro Lore

  12. contact for mangal dosh puja in ujjain पंडित जी ने नवग्रह शांति, मंगलभात पूजा, मंगलशांति पूजा, रुद्राभिषेक, ग्रह दोष निवारण, पितृ दोष निवारण केमद्रुम दोष , जैसे अनुष्ठानों को सम्पूर्ण वैदिक पद्धति द्वारा संपन्न किया है |

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