Aries Sign and Ascendant | मेष राशि और लग्न का संक्षिप्त परिचय

Aries Sign and Ascendant | मेष राशि और लग्न का संक्षिप्त परिचयAries Sign and Ascendant | मेष राशि और लग्न का संक्षिप्त परिचय. मेष राशि वा लग्न राशि चक्र की प्रथम राशि है। इसका विस्तार एक अंश से 30 अंश तक है। राशि का चिन्ह ”मेढा’ या भेडा है। इसका स्वामी ’मंगल’ है। मेष राशि पूर्व दिशा की द्योतक है। मेष राशि के अन्तर्गत तीन नक्षत्र अश्विनी, भरणी और कृतिका आते हैं। अश्विनी तथा भरणी नक्षत्र के चारों चरण और कॄत्तिका के प्रथम चरण आते हैं। प्रत्येक चरण 3.20′ अंश का होता है। प्रत्येक नक्षत्र के स्वामी क्रमशः केतु, शुक्र तथा सूर्य हैं।

काल पुरुष की जन्म कुंडली में सर्वप्रथम मेष राशि का उदय होता है। जातक के जन्म के समय मे जो लग्न आकाश मे उदित होता है तथा चन्द्रमा जिस राशि में होती है उसी के अनुसार जातक का स्वभाव, रंग-रूप, आकार-प्रकार होता है। यही नही लग्न, लग्नेश, चन्द्र लग्न तथा चन्द्र लग्नेश के साथ सूर्य लग्न और सूर्य लग्नेश तथा उस लग्न में स्थित ग्रह से भी जातक के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी मिलती है।

मेष राशि व लग्न मे जन्म लेने वाला जातक सामान्य शरीर वाला, वाचाल, उग्र स्वभाव वाला, रजोगुणी, बुद्धिमान, चतुर, अहंकारी, धर्मात्मा, अल्प संतति वाला, पित्त प्रधान, भोजन प्रिय, कुलदीपक तथा चंचल स्वभाव का होता है। मेष राशि के जातक सामान्यतः धन, वाहन, भाग्य वॄद्धि इत्यादि अनेक प्रकार के सुख भोगता है।

Aries Sign and Ascendant | मेष राशि और लग्न का शरीर विचार

मेष लग्न के जातक शारीरिक रूप से हृष्ट-पुष्ट होते हैं। इनके त्वचा की रंग लालिमा लिए हुए होता है। जातक की गोल आँखे होती है साथ ही नेत्र में चमक भी होती है। मेष लग्न के जातक देखने अपनी उम्र से कम नज़र आते हैं। मेष राशि का सिर और मुख मंडल पर अधिकार है इसलिये इनके मुख से विशेष शक्ति का आभास होता है। इनकी गर्दन लंबी होती है। ऐसा जातक साधारण कद का होता है। इनके भोंहों के बाल बहुत घने होते है। मुख या माथे पर चोट का कोई निशान होता है।

Aries Sign and Ascendant | मेष राशि और लग्न का स्वभाव

मेष अग्नि तत्व वाली राशि है। इसका स्वामी मंगल अग्नि और क्षत्रिय जाति का ग्रह है। राशि और स्वामी का संयोग वयक्ति के अंदर की ऊर्जा को बढा देती है इसी कारण मेष राशि का मनुष्य साहसी,दॄढ इच्छाशक्ति से युक्त, ओजस्वी तथा दबंग स्वभाव के होते हैं।

मेष लग्न के जातको में सांसारिक व भौतिक उपलब्धियों के प्रति जीतनी लालसा होती है उतनी ही मौलिक पवित्रता के प्रति भी होती है। मेष लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति शक्ति एवं वीरता से परिपूर्ण होते है। इनका स्वभाव सृजनात्मकता से भरा होता है ये हमेशा कुछ नया करना चाहते है। इनके स्वभाव में उग्रता और दबंगता दोनों विद्यमान होता है। दुसरो के ऊपर क्रोध और भावुकता एक साथ लेकर आते है। ये शीघ्र ही दूसरों पर प्रसन्न भी हो जाते हैं। दूसरों की मदद करना इनके स्वभाव में होता है यह गुण आपको समाज में सम्मान दिलाता है। स्वभाव से चंचल तो है ही तथा कामुक व सुंदर स्त्रियों के प्रति शीघ्र ही आकर्षित हो जाते हैं।

स्वभाव से भ्रमणशील होते है परन्तु इनके घुटनों में दर्द गृहस्थाश्रम से ही प्रारम्भ हो जाता है। ऐसा जातक अत्यधिक क्रोधी तथा अपना कार्य चतुरता पूर्वक से निकलवाने में निपुण भी होता है। इनमे एक साथ कई कार्य करने की क्षमता होती है। ये किसी भी विषय पर वाद-विवाद करने से घबराते नही हैं। मेष लग्न के जातकों को जल से भय लगता है।

मेष लग्न व राशि के जातक अपने परिश्रम तथा पराक्रम के बल पर जीवन यात्रा में मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं।  इस लग्न के जातक साहसी तथा अभिमानी होते हैं।  ये स्वाभिमानी होते है यही कारण है जहां इन्हें  उचित सम्मान नही मिलता है वहां जाना भी पसंद नही करते हैं।  इन्हें अपनी बात मनवाना अच्छा लगता है। इन्हें अनावश्यक दिखावा से परहेज भी नहीं है।

मेष लग्न व राशि के जातक में आत्मविश्वास की कमी नही होती, शरमाना या झिझकना इनका स्वभाव में नही है तथा लंबे समय तक अपनी रुचि को एक ही विषय या वस्तु पर केन्द्रित नही रख पाते हैं । हां यदि कोई अशुभ ग्रह का लग्न तथा लग्नेश के साथ सम्बन्ध बन रहा है तो उपर्युक्त कथन में कमी हो सकती है। ये कभी कभी अपना उदार स्वभाव भी दिखलाते हैं। दूसरों की मदद करने के कारण मेष लग्न के जातक औरों के लिए आदरणीय भी होते हैं। ऐसे जातक विषय-वासनाओं में विशेष रूप से लिप्त होते हैं। हालांकि ये महशुस भी करते है कि जिस काम में अपने समय को नष्ट कर रहे हैं उससे कोई लाभ नही है बल्कि नुकसान ही है।

Aries Sign and Ascendant | मेष राशि और लग्न जातक का पारिवारिक जीवन

मेष लग्न के जातक या तो अपने भाई बहनों में सबसे बड़े या छोटे होते है। पारिवारक जीवन जीवन सामान्यतः सुखमय ही बीतता है। ये हमेशा सामंजस्य बनाकर चलने की कोशिश करते है।  क्रोधित स्वभाव के कारण परिवार में मनमुटाव देखने में आया है। माता-पिता के प्रति पूर्ण स्नेह होता है।

Aries Sign and Ascendant | मेष राशि और लग्न का कर्म विचार

ऐसा कहा जा सकता है जीवन यात्रा में धन के कारण आपका कोई काम रुकता नहीं है। आप धन का व्यय बहुत ही सोच समझकर करते है। शुभ कार्य में खर्च करना आप पसंद करते है। यह भी देखा गया है की जन्म स्थान से दूर जाने पर जातक का भाग्योदय की संभावना बढ़ जाती है।

ऐसा जातक सामान्यतः नौकरी करता है। अध्ययन-अध्यापन में इनकी विशेष रूचि होती है अतः अध्यापक के रूप में कार्य करते है। आप वकालत, प्रशासनिक सेवा, इंजीनियरिंग इत्यादि के क्षेत्र में काम कर सकते है। ऐसे लोग नेतागीरी, संगठन कर्ता, उपदेशक, प्रभावी वक्ता, रक्षा क्षेत्र में काम करने वाले, पुलिस अधिकारी, शल्य चिकित्सिक खोजी पत्रकारिता इत्यादि के क्षेत्र में काम करते है।

मेष लग्न का व्यक्ति अपनी इच्छा की पूर्ति करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है परन्तु किंचित आलसी प्रवृति के कारण कार्य पूरा होने में देर हो जाता है। ये अपना काम पूरी ताकत के साथ करना चाहते है। किंतु लंबे समय तक अपने शौक को कायम रखना इनके वश की बात नही होती। इनका खेल से प्रेम होता है और कमोवेश सभी खेल को खेलना पसंद करते है। किसी एक खेल के ऊपर टिक पाना इनके लिए बहुत ही कठिन है।

Aries Sign and Ascendant | मेष राशि और लग्न का संक्षिप्त परिचय

Aries Sign and Ascendant | मेष राशि और लग्न का आध्यात्मिक सोच

आप के अंदर आध्यात्मिक दृष्टि विद्ध्यमान होती है परन्तु आप इसका विशेष रूप से लाभ नहीं ले पाते है। भगवान् के ऊपर आपका विशवास होता है। अपनी बात के धनी एवं शर्त के कट्टर होते हैं।  अपनी आध्यात्मिक सोच के कारण आप किसी झगडे में पड़ना नहीं चाहते हैं परन्तु यदि कोई भी बात इनको पसंद ना आए तो सामने वाले को सबक सिखाये बिना रहते भी नहीं हैं।

Aries Sign and Ascendant | मेष राशि और लग्न का स्वास्थ्य और रोग

मेष राशि वाले जातकों का स्वास्थ्य सामान्यतः ठीक रहता है। इनके अन्दर रोगों से लडने की क्षमता विद्द्यमान होती है। सामान्यतः इनके सिर में अवश्य चोट लगती है अतः सर में चोट लगने से बचना चाहिए। मेष से षष्ठ भाव कन्या राशि का है, अतः जातक का पाचन प्रणाली कमजोर होता है। खासकर मल के पेट में जमा होने के कारण सिरदर्द, जलन, तीव्र रोगों, सिर की बीमारियां, लकवा, मिर्गी, मुहांसे, अनिद्रा, दाद खाज-खुजली, पेट दर्द, अल्सर इत्यादि की बिमारी होने का खतरा बना रहता है।

Aries Sign and Ascendant | मेष राशि और लग्न के लिए शुभ और अशुभ ग्रह

शुभ ग्रह | Auspicious Planets

मेष लग्न के लिए मंगल, सूर्य तथा गुरु शुभ ग्रह है इसका मुख्य कारण है की ये ग्रह त्रिकोण भाव के स्वामी होते हैं। मंगल अष्टमेश होने से कभी कभी अशुभता भी देता है है। इसी प्रकार गुरु  भी नवम भाव (त्रिकोण) का स्वामी होने से अति शुभ है। परन्तु 12वें भाव के स्वामी जिस घर में स्थित होता है किंचित अशुभता भी प्रदान करता है। ये तीनों ग्रह मेष लग्न के लिए अपनी दशा-महादशा में शुभ फल प्रदान करते हैं। यदि कुंडली में ये ग्रह 6, 8, 12 भाव में या नीच स्थिति में हैं तो इन्हे मंत्र जाप, पूजा, रत्न इत्यादि से बली करना चाहिए।

अशुभ ग्रह | Inauspicious Planets

मेष लग्न के लिए बुध, शुक्र तथा शनि अशुभ ग्रह है। बुध तीसरे और छठे भाव का स्वामी होने से तथा शु्क्र द्वितीय और सप्तम का स्वामी होने से मारकेश होता है अतः अत्यंत ही अशुभ ग्रह होता है। शनि दशम भाव का स्वामी होकर शुभ है परन्तु आय भाव का स्वामी होकर शुभ हो जाता है। उपर्युक्त तीनों ग्रह मेष लग्न के लिए अकारक ग्रह हैं और अपनी दशा-महादशा में नुकसान पहुँचाते हैं। इनकी अशुभता का निवारण मंत्र, दान और पूजा-पाठ से करना चाहिए ।

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