Effect of Fifth House Lord in 3rd House in Hindi | तृतीय भाव भाई बहन, लघु यात्रा, परिश्रम, घर से दूर, इत्यादि का भाव है । इस भाव में जो भी ग्रह स्थित होगा या जिस भी ग्रह का संचार होगा वह ग्रह इस भाव के कारकतत्व का फल प्रदान करेगा । यदि पंचम भाव (Fifth House) का स्वामी तीसरे भाव में स्थित है तो ऐसा जातक शिक्षा ( Education ) प्राप्त करने के लिए घर से दूर जाता है । इसका मुख्य कारण है कि पंचम भाव शिक्षा का भाव है और तीसरा भाव यात्रा का अतः जातक को शिक्षा के लिए यात्रा करनी पड़ेगी। वही तीसरा भाव चौथे भाव से 12 वे स्थान पर है जो घर से दूर स्थान का संकेत देता है अतः व्यक्ति अपने पढाई के लिए घर से दूर जायेगा।
यह भाव भाई बहन का भी है पंचमेश इस स्थान पर है तो किसी न किसी रूप में भाई बहन का प्यार मिलता है हां यदि अशुभ ग्रह का प्रभाव इस भाव या भावेश पर है तो भाई बहन के प्यार में कमी हो सकती है ।
यवन जातक के अनुसार —
सुतेशे गते विक्रम विकमी स्यात सुहृत शांतियुक्तो वचोमाधुरीयुक।
शुभे खेट युक्ते शुभ प्राप्तिकारी मनः कार्यसिद्धि सुखी शांतनम्रः।।
अर्थात यदि पंचम भाव का स्वामी तृतीय भाव में है तो वह जातक बलवान होता है। ऐसा जातक एक अच्छा दोस्त हो सकता है। वह शांत स्वभाव का होगा। आपकी वाणी अत्यंत मधुर होगी। ऐसा व्यक्ति मन से स्वस्थ्य तथा नम्र और अपने कार्य को पूरा करने वाला होता है।
तीसरा भाव हाथ है और हाथ से ही हम काम करते है इसलिए यह भाव परिश्रम का भी है यदि पंचमेश इस भाव में है तो जातक बुद्धि रूपी परिश्रम से अपने भाग्य का निर्माण करता है । ऐसा व्यक्ति बहुत ही मेहनती होता है और किसी भी कार्य को जब प्रारम्भ कर देता है तो बिना पूरा किये दम नहीं लेता है।
नोट :- उपर्युक्त सभी फल अन्य ग्रहों की युति दृष्टि और स्थिति के कारण प्रभावित होता है अतः उपर्युक्त फल उस स्थिति में फलित होगा जब चतुर्थ भाव भावेश तथा प्रथम भाव भावेश के साथ शुभ ग्रहों तथा नक्षत्रो के साथ सम्बन्ध हो यदि अशुभ ग्रहों के साथ सम्बंध बनता है फल में परिवर्तन अथवा कमी होगी। ।