Fate Line | Bhagy Rekha | जानें क्या कहती है आपकी भाग्य रेखा

Fate Line | Bhagy Rekha | जानें क्या कहती है आपकी भाग्य रेखा ।  भाग्य रेखा आपके हाँथ के कलाई व मणिबंध से आरंभ होती है। यह रेखा चंद्र पर्वत से होते हुये जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा,हृदय रेखा, शनि पर्वत, सूर्य पर्वत या गुरु पर्वत तक जाती है। कभी कभी यह रेखा कलाई से शुरू होकर मध्य में ही रूक जाती है।

यह रेखा हमें जीवन के प्रमुख क्रिया कलापों के संबंध में जानकारी देती है यथा – व्यवसायिक गतिविधियाँ, जीवन यात्रा का रहस्य,शिक्षा से संबंधित विचार, नौकरी इत्यादि में सफलता एवं विफलता दर्शाती है।

Fate Line

हथेली में कहाँ होती है ? भाग्य रेखा | Fate Line 

इस रेखा के उद्गम को लेकर भ्रम की स्थिति है कोई इसका उद्गम मणिबंध से मानता है तो कोई शनि पर्वत से तो कोई ह्रदय रेखा से। आपको इस पचड़े में न पड़कर सीधे यह देखे की मणिबंध से निकलकर यह रेखा कहाँ तक जाती है।

कृपया आप अपनी दोनों हथेली को खोलें और सर्वप्रथम मणिबंध की ओर देखें वहाँ से एक सीधी रेखा निकलती हुई दिखाई देगी। यह रेखा सामान्यतः आयु रेखा, मस्तिष्क रेखा तथा ह्रदय रेखा को स्पर्श या काटती हुई सीधे शनि और गुरु पर्वत पर जाकर रूक जाती है या बीच में ही रुक जाती है।

जानें ! क्या कहती है आपकी भाग्य रेखा | Know what say your Fate Line

  1. मणिबन्ध से शुरु होकर हृदय रेखा तक जाने वाली सीधी रेखा को भाग्य रेखा (Fate Line) | Bhagy Rekha | जानें क्या कहती है आपकी भाग्य रेखा कहते हैं। यदि भाग्य रेखा स्पष्ट, गहरी तथा बिना कटा हुआ हो तो भाग्य में किसी प्रकार की रुकावट नही आती।  भाग्य रेखा की बनावट पर निर्भर करता है कि व्यक्ति कितना  भाग्यशाली है ।
  2. कोई भी रेखा जिस बिन्दु पर भाग्य रेखा को काटती है तो उस वर्ष व्यक्ति को कार्य में असफलता, संघर्ष और कष्ट मिलता है। किसी के हथेली में भाग्य रेखा होती ही नहीं वैसा व्यक्ति या तो भाग्यहीन होगा या भाग्यशाली ही होगा।
  3. जिनकी भाग्यरेखा (Fate Line) मणिबंध से होकर सीधे शनि  या गुरु पर्वत पर जाती है वैसा व्यक्ति भाग्यशाली होता है। साथ ही अपने बल पर भाग्य का निर्माण करने में सक्षम होता है। ऐसा व्यक्ति महत्वाकांक्षी और कार्यभिमुख होता है।
  4. यदि भाग्यरेखा (Fate Line) सीधे गुरु पर्वत पर पहुंचती है तो ऐसा जातक धार्मिक,परोपकारी, समाजिक तथा दानी होता है। वह उच्च पदस्थ तथा प्रतिष्ठित होता है।
  5. भाग्य रेखा (Fate Line) लंबी होकर मध्यमा के किसी पोर तक पहुंच जाए तो परीश्रम करने के बावजूद सफलता उससे कोसों दूर रहती है।
  6. भाग्य रेखा (Fate Line) गहरी स्पष्‍ट हो व लालिमा लिए हुए हो तो वैसा  व्यक्ति जीवन पथ पर प्रगति करते रहता है।
  7. यदि आपकी भाग्य रेखा (Fate Line) ह्रदय रेखा पर रुक जाती है तो ह्रदय रोग हो सकता है या व्यर्थ खर्च के कारण सुख का आभाव हो सकता है।
  8. भाग्य रेखा आड़ी-तिरछी और कटी-फटी हो ‍तो जीवन में अनेक बार बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
  9. यदि भाग्य रेखा स्पष्‍ट सीधी होकर  सूर्य पर्वत की तरफ मुड़ जाती है तो ऐसा जातक सफल कलाकार होता है।
  10. यदि आपकी भाग्य रेखा (Fate Line) बुध पर्वत पर समाप्त हो रही हो तो विज्ञान तथा व्यवसाय के क्षेत्र में सफलता को दर्शाता है।
  11. यदि भाग्य रेखा के साथ साथ कोई सहायक रेखा हो तो ऐसी रेखा वाला व्यक्ति बहुत ही भाग्यवान होता है।
  12. मस्तिष्क रेखा से भाग्य रेखा का उद्‍गम हो व तीन शाखा गुरु, सूर्य, बुध पर्वत तक जाए तो ऐसा जातक अपने कार्य से प्रतिष्ठित तथा विख्यात होता है।
  13. भाग्य रेखा जीवन रेखा से निकलती हुई प्रतीत हो रही हो और हथेली मुलायम गुलाबी हो तो ऐसे लोग धनवान होते हैं।
  14. भाग्य रेखा (Fate Line)  के साथ कोई रेखा सहायक रेखा के रूप में निकल कर शुक्र पर्वत की ओर जाए तो वैसे व्यक्ति को किसी महिला के माध्यम से धन लाभ मिलता है।
  15. जिस व्यक्ति की भाग्य रेखा त्रिकोण से आरम्भ होती है ऐसा जातक अपनी प्रतिभा के बल पर मान-सम्मान को प्राप्त करता है।
  16. यदि भाग्य रेखा (Fate Line) छिन्न- भिन्न है तो चोट, दुर्भाग्य अथवा जीवन में आये गम्भीर परिवर्तन को दर्शाता है। 
  17. ह्रदय एवं मस्तिष्क रेखा के मध्य भंग भाग्य रेखा से पता चलता है की व्यक्ति अपनी खोई प्रतिष्ठा किसी विपरीत सेक्स की सहायता से प्राप्त किया है।
  18. यदि भाग्य रेखा (Fate Line) अंत में दो शाखाओं में बट जाता है है तो समझना चाहिए की जीवन के अंतिम अवस्था में आपको दो भाग से धन प्राप्त हो सकता है।

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