Shubh Muhurt for surgery | शल्य चिकित्सा के लिए शुभ मुहूर्त

Shubh Muhurt for surgery | शल्य चिकित्सा के लिए शुभ मुहूर्त Shubh Muhurt for surgery | शल्य चिकित्सा के लिए शुभ मुहूर्त  वैदिक काल से लेकर आज तक किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) देखने की परम्परा रही है। शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) में यदि आप कोई कार्य करते है तो वह बिना बाधा के संपन्न होता है ऐसा शास्त्र कथन है तथा अनुभवजन्य भी है। कहा जाता है कि यदि आपने काल को पहचान लिया तो आपका कार्य निश्चित ही सफल होगा इसमें संदेह नहीं है । कहा गया है —
काल की गति जो पहचानै ।
प्रभु पाद पद पावै।।
सामान्यतः हम सब लोगों के मुख से यह शब्द हमेशा निकलता है कि आज का दिन बहुत शुभ था आज सारा काम समय से हो गया। किन्तु अगले क्षण यह प्रश्न उठता है आखिर ऐसा क्यों हुआ ? क्योंकि आज हम सही समय पर घर से निकले थे और एकदम सही समय पर कार्यस्थल पर पहुंच गए थे। वस्तुतः किसी कार्य का अल्प प्रयास में ही हो जाना या तुरंत हो जाना या यह सब जाने अनजाने में शुभ मुहूर्त वा शुभ समय(Shubh Muhurt) का ही परिणाम है ऐसा समझना चाहिए।

क्यों जरुरी है शुभ मुहूर्त (Why Need Shubh Muhurt)?

शुभ मुहूर्त इसलिए जरुरी है की जिस प्रकार हम व्यवहार में अच्छा-खराब, सुख-दुःख, सफलता-असफलता का स्वाद दिन प्रतिदिन लेते रहते है उसी प्रकार व्यवहार में शुभ-अशुभ भी अनुभूत है। अब प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि यदि अशुभ समय है तो शुभ समय वा शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) भी अवश्य ही होगा । यह स्वाभाविक है कि अशुभ समय में किया गया कार्य में व्यवधान उत्पन्न होता है।
परन्तु इस विचार को अंधविश्वास मानने वाले यह कह सकते है कि क्या गारंटी है की शुभ समय(Shubh Muhurt) में किया गया कार्य पूरा हो ही जाए या उसमे कोई व्यवधान न हो तो मेरा केवल यह कहना है की अशुभ समय के चयन से तो शुभ समय का चयन अच्छा ही होगा क्योकि यदि अच्छा मुहूर्त हमारा भाग्य नहीं बदल सकता तो कार्य की सफलता के पथ को सुगम तो बना ही सकता है। शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) आपके भविष्य को बदले या न बदले परंतु यदि आप जीवन के प्रमुख कार्य यदि शुभ मुहूर्त में करते है तो आपका मन सकारात्मक रहेगा और कार्य निश्चित ही होगा। यह जानकर हमें अवश्य ही शुभ समय का चयन करना चाहिए।

कैसे बनता है शुभ मुहूर्त (How make Shubh Muhurt)

भारतीय ज्योतिष शास्त्र शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) निकालने के लिए अनेक बातो का ध्यान रखा जाता है जैसे – वार, तिथि, नक्षत्र, करण, योग, नव ग्रहों की स्थिति, मल मास, अधिक मास, शुक्र और गुरु अस्त, अशुभ योग, भद्रा, शुभ लग्न, शुभ योग तथा राहू काल इन्ही के योग से शुभ मुहूर्त निकाला जाता है। जैसे सर्वार्थसिद्धि योग :- यदि सोमवार के दिन रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा तथा श्रवण नक्षत्र हो तो सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण होता है। अब आप ही बताइये इतना सब कुछ करने के बाद शुभ मुहूर्त निकाला जाता है तो अवश्य ही यह समय आपके जीवन में ज्योति का काम करेगा।

रोगी के शल्य /ऑपरेशन कराने का शुभ मुहूर्त (Good Muhurt for any Operation)

यदि आप बीमार है और उस बिमारी का इलाज शल्य चिकित्सा है तथा डॉक्टर ने आपको यह बताया है कि आप ऑपरेशन कराना होगा। इस स्थिति में आप अपने डॉक्टर से पूछ सकते है कि कब तक कराना है यदि तुरंत ऑपरेशन कराना है तब तो बिना सोचे समझे आपको ऑपरेशन करा लेना चाहिए परन्तु यदि डॉक्टर यह कहता है कि आप अपने सुविधानुसार ऑपरेशन करा सकते है तो आपको ऑपरेशन के लिए निर्धारित शुभ मुहूर्त का अवश्य ही चयन करना चाहिए यदि ऐसा करते है तो ऑपरेशन के सफलता का चांस बढ़ जाता है ।

शल्य चिकित्सा ( Sergury ) हेतु शुभ मुहूर्त का विचार निम्न प्रकार से करना चाहिए

शुभ तिथियां :- 2, 3, 5, 6, 7, 10, 12, 13 ( शुक्ल पक्ष की ) हैं।

शुभ वार :- रविवार, मंगलवार, गुरूवार और शनिवार हैं।

शुभ नक्षत्र :- अश्विनी, मृगशिरा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, श्रवण तथा विशाखा हैं।

उपर्युक्त शुभ मुहूर्त के निर्धारण में यदि शुभ तिथियां, वार तथा नक्षत्र का एक साथ निर्धारण नहीं हो पा रहा है तो इनमे से कमसे कम दो का चयन कर ऑपरेशन करवा लेना चाहिए। जैसे — जून 2017 में 4 जून को तिथि, वार तथा नक्षत्र नियम के अनुरूप है। परन्तु इसके अतिरिक्त अन्य तिथि उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में हमें तिथि, वार तथा नक्षत्र में किसी दो का चयन कर ऑपरेशन करवा लेना चाहिए।

Surgery date for June 2017

4 जून, दशमी तिथि, रविवार तथा हस्त नक्षत्र।

6 जून, द्वादशी तिथि, मंगलवार विशाखा नक्षत्र ( 8 : 27 मिनट के बाद )

11 जून, द्वितीया, रविवार, नक्षत्र उपलब्ध नहीं है।

15 जून, षष्ठी तिथि, गुरुवार, नक्षत्र उपलब्ध नहीं है।

25 जून, द्वितीया तिथि, रविवार, नक्षत्र उपलब्ध नहीं है।

29 जून, षष्ठी तिथि, गुरूवार , नक्षत्र उपलब्ध नहीं है

इसी प्रकार अन्य सभी महीनो में तिथि वार तथा नक्षत्र को देखकर ऑपरेशन के लिए शुभ समय का निर्धारण कर लेना चाहिए। निश्चित ही आपका शल्य चिकित्सा सफल होगा।

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