दूसरे भाव में मंगल का फल | Mars in Second House

दूसरे भाव में मंगलदूसरे भाव में मंगल का फल | Mars in Second House.  दूसरे भाव में मंगल का फल शुभ होता है परन्तु तब जब मंगल बलि अवस्था में हो। द्वितीय स्थान धन भाव (Wealth House) भी है। इस स्थान में मंगल आपको भौतिक उपलब्धियां प्रदान करता है। आप विद्वान गुणी और पारिवारिक संबन्धियों में प्रतिष्ठित होंगे। कमजोर मंगल इस भाव में आपको कलह प्रिय, निष्ठुर,मंद बुद्धिवाला अपव्ययी विषयी तथा अनैतिक कामप्रिय (sex lover) बनाता है। मंगल ग्रह को अत्यन्त गुणवान और भू-सम्पत्ति देने वाला कहा जाता है। मंगल में अहंकार और आत्माभिमान विशेष रूप से होता है। मंगल ग्रह के अधिदेवता स्कन्द या कार्त्तिकेय है और भगवान कार्तिकेय में भी आत्माभिमान कूट-कूट कर भरा हुआ है।

मंगल ग्रह के सम्बन्ध में पौराणिक कथा | Story about Mars Planet

मंगल ग्रह को पृथ्वी का पुत्र माना गया है। इस सम्बन्ध में तथा मंगल ग्रह के जन्म के सम्बन्ध में विष्णु पुराण में एक कथा है उसके अनुसार भगवान् विष्णु ने वाराह रूप में पृथ्वी का उधार कर उसको अपनी कक्ष में स्थापित कर दिया और पृथ्वी को अस्थिरता एवं उद्विग्नता नष्ट हो गई तब उसने भगवान को अपने पति के रूप में पाने की इच्छा प्रकट की भगवान वाराह अपने मनोरम रूप में एक दिव्य वर्ष तक पृथिवी के साथ एकांत में रहे। इसके परिणामस्वरूप पृथ्वी देवी ने मंगल ग्रह को जन्म दिया। इसी कथा के आधार पर मंगल ग्रह को भूपुत्र कहा गया है।

 

दूसरे भाव में मंगल और आप | Mars in Second House and You 

दूसरे भाव में स्थित मंगल वाला व्यक्ति सामान्यतः अपने माता पिता का बड़ा संतान होता है। इस  घर का का मंगल व्यक्ति को ससुराल से धन- दौलत दिलाने में समर्थ होता है। धन भाव का मंगल व्यक्ति को बहुत ही कडी मेहनत कराने के बाद सफलता  और धन समपत्ति दिलाता है। आपकी वाणी ओज, दम्भ और अहंकार से भरा होगा। आप अपने दोस्तों को धोखा दे सकते है आपके दोस्त अच्छे और बुरे दोनों तरह के हो सकते है। आपके मुख से गाली निकलना आम बात है। आप किसी न किसी व्यसन के शिकार हो सकते है। ापकिो  आपकी शैक्षणिक यात्रा में रुकावट आ सकती हैं। ऐसा जातक प्रायः दूसरों से लड़ाई-झगड़ा करते रहता है। इनका स्वभाव कभी कभी क्रूर हो जाता है।

पिता और संतान (Father and Son) के स्वभाव में कठोरता हो सकता है। परन्तु कई बार यह भी देखा गया है की संतान पक्ष से निराशा भी हाथ लगती है। आपके बच्चे काफी ऊर्जावान और बडे पदों को प्राप्त करने वाले हो सकते हैं। प्रथम संतान के जन्म के समय कुछ परेशानी अवश्य ही होती है यदि आप पुरुष है तो पत्नी को एबॉर्शन (Abortion) जैसी घटना हो सकता है। पुत्रहानि भी देखा गया है अतएव सतर्क रहे संतान के प्रति विवेक का परिचय दे। मित्रवत व्यवहार सुख प्रदान कर सकता है।

दूसरे स्थान में मंगल और आपका स्वास्थ्य | Mars in Second House and Your Health  

आपको आंखो (Eyes)  में चोट लग सकती है अथवा नेत्र दोष हो सकता है  पेट से सम्बन्धित बिमारी भी हो सकती है। कोई आपरेशन भी हो सकता है। संतान को लेकर आप मानसिक रूप से पीड़ित अथवा परेशान हो सकते हैं। दुर्घटना के कारण पैर में चोट लग सकता है खासकर यदि सिंह लग्न के जातक हो तो। कंधे और गले को लेकर कुछ परेशानी हो सकती है। आप कभी कभी बेहोशी के शिकार भी हो  सकते हैं।

दूसरे भाव में मंगल और आर्थिक स्थिति | Mars in Second House and Economic condition

दूसरे भाव का मंगल वाले जातक को प्रायः विद्वान निर्धन कहा है यथा – धने कुजे धनैर्हीनः क्रियाहीनशचजायते। अन्यत्र भी — अधन्यताम् कुजनाश्रयतो।

परन्तु मेरा अपना अनुभव ऐसा नहीं कहता है यहाँ मंगल धन प्रदान करता है परन्तु जातक को उतना धन सुख नहीं मिलता है जितना मिलना चाहिए परन्तु यह स्थिति भी तब होती है जब जातक धन का संचय करता है यदि जातक धन का संचय के साथ-साथ उसका सदुपयोग करता है दान पुण्य का काम करता है तो वह धन सुख भी प्राप्त करता है। धन स्थान से अष्टम स्थान पर दृष्टि होने से व्यक्ति पैतृक सम्पत्ति का सुख भोगता है। धन को लेकर कोई गुप्त काम करना तथा उसके कारण जेल जाने जैसे घटना होने की प्रबल सम्भावना होती है। इनके शत्रु भी होते है उससे परेशानी होती है परन्तु अंततः विजय इन्हे मिलती है।

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