Astrological View on Timing of IAF Air Strike in Pakistan 2019 in Hindi

Astrological View on Timing of IAF Air Strike in Pakistan 2019 in Hindi. ज्योतिष में किसी भी भविष्यवाणी या शुभ परिणाम के लिए देश, काल और पात्र को विशेष महत्त्व दिया गया है। इन्ही तीनों के आधार पर प्राचीन काल में राज ज्योतिषी अथवा राजगुरु ग्रह नक्षत्रों के आधार पर राजा को किसी महत्त्वपूर्ण विषयों यथा —

  • पडोसी देश पर आक्रमण कब करें जिससे विजय मिले ?
  • किसी देश के साथ संधि करने का समय शुभ है या अशुभ।
  • संधि का परिणाम शुभ फलदायी होगा या नहीं ?
  • राजदरबार के निर्णय से जनता की प्रतिक्रिया क्या होगी ?

इत्यादि पर निर्णय लेने में सहायक होते थे। आज भी ज्योतिष के ऊपर श्रद्धा और विश्वास रखने वाले जातक जब कोई महत्त्वपूर्ण निर्णय का फैसला करते हैं तो एक बार अवश्य ही अपने ज्योतिषी के पास जाकर यह पूछते हैं की क्या मेरे निर्णय लेने का समय व काल सही है तथा यह समय सकारात्मक परिणाम देने में सक्षम है या नही ।
किसी प्राचीन विद्वान ने कहा है —
कः कालः कानि मित्राणि को देशः को व्ययागमौ
कोsहं का मे शक्ति इति चिन्त्य मुहुर्मुहुः।

अर्थात किसी भी देश, राज्य, समाज, संगठन, परिवार अथवा व्यक्ति स्वयं को समय, अपने मित्रों, स्थान ( जहां आप रह रहें हैं ) लाभ और हानि, मैं कौन हूँ तथा मेरी शक्ति कितनी है का चिंतन बार-बार करनी चाहिए। इस श्लोक के अर्थ पर यदि विचार करें तो भारत सरकार निश्चित ही सही समय, अपने मित्र देशों का राजनैतिक समर्थन, अटैक करने के स्थान का निर्धारण, हमला करने से लाभ तथा हानि का विचार तथा अपने सामर्थ्य का बार-बार आकलन करने के बाद ही पाकिस्तान के ऊपर आक्रमण करने की हरी झंडी दिखाई होगी।

परिणामस्वरूप पुलवामा में हुए आतंकी हमले के उपरान्त पाकिस्तान को सबक सिखाने के इरादे से भारतीय एयर फोर्स ने दिनांक 26/2/2019 दिन मंगलवार को प्रातः काल 03 बजकर 43 मिनट पर पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में घुस कर जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर ताबड़तोड़ बमबारी कर ट्रेनिंग कैंप को पूर्णतः ध्वस्त कर सभी जाबांज सकुशल व सुरक्षित अपने देश वापस आ गए।

इस खबर को सुनकर बार-बार मेरे मन में ये बात जानने की उत्कंठा हो रही थी की आखिर भारत सरकार वा इंडियन एयर फाॅर्स ने टेररिस्ट कैंप पर अटैक करने के लिए इसी समय का चयन क्यों किया।

आइये जानते है कि सर्जिकल स्ट्राइक पार्ट 2 में वायुसेना ने जिस समय का चयन किया उसके सम्बन्ध में भारतीय ज्योतिष विद्वान वा ऋषि, मुनियों ने क्या कहा है –आचार्य भट्टोत्पल ने जय पराजय विचार के सम्बन्ध में कहा है —

कर्कटवृश्चिक घटधरमीना हिबुकोपगाः शुभैर्दृष्टाः।
शत्रोः पराजयकरा वृषाजपापैः प्रयाति रिपुः।

अर्थात कर्क, वृश्चिक, कुम्भ एवं मीन राशि चतुर्थ स्थान में शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो शत्रु की हार होती है और यदि चतुर्थ स्थान में मेष या वृष राशि हो तो शत्रु लौट जाता है।
देखें जिस समय भारत ने एयर अटैक किया उस समय की कुंडली —

उपर्युक्त कुंडली धनु लग्न की है तथा चतुर्थ स्थान में मीन राशि है। लग्न का स्वामी गुरु व्यय भाव से पंचम दृष्टि से चतुर्थ भाव वा अपनी राशि को देख रहा है। उपर्युक्त श्लोक में कहा गया है कि चतुर्थ भाव में मीन राशि हो तथा शुभ ग्रहो से दृष्ट तो आक्रमण करने वाला शत्रु को पराजित कर सकुशल घर वापस आ जाता है। भारतीय लड़ाकू विमान अपना मिशन पूरा करके सुरक्षित वापस लौट आया। लग्नेश गुरु चन्द्रम के साथ बैठा है चन्द्रमा अष्टम भाव का स्वामी है अष्टम भाव गुप्त स्थान होता है यही कारण है कि जातक गुप्त रूप से शत्रु पर अटैक किया।

चतुर्थ भाव में नीच का बुध सप्तमेश होकर बैठा है चूकि चतुर्थ भाव आक्रमण करने वालों का घर होता है और बुध होने से स्पष्ट है की आक्रमण करने वाले के अपने घर में भी शत्रु है हालांकि इस पर लग्नेश गुरु की दृष्टि है इससे स्पष्ट है कि भारत सरकार का देश के अंदर की गतिविधियों पर पूरी तरह से नजर है।

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