Jupiter Effects in Third House | तृतीय भाव में गुरु फल विचार

Jupiter Effects in Third House | तृतीय भाव में गुरु फल विचार  यदि जन्मलग्न से तीसरे भाव / स्थान में गुरु / बृहस्पति बैठे हैं तो वैसा व्यक्ति अपने मित्रों के प्रति कृतघ्न और सहोदरों का कल्याण करने वाला होता है। गुरु के तृतीयस्थ होने के ऐसा जातक साहसी और बलवान होता है। इंद्रियों को वश में कैसे करना चाहिए आप बखूबी जानते है। इसी कारण आपको जीतेन्द्रिय की श्रेणी में गणना की जाती है। आप अतयन्त ही  तेजस्वी और ईश्वर में श्रद्धा तथा विश्वास करने वाले व्यक्ति हैं। कहा भी है —

जीवे तृतीये तेजस्वी कर्मदक्षो जितेन्द्रियः। 

मित्राप्तसुखसम्पन्नस्तीर्थवार्ताप्रियो भवेत्।।

 Jupiter effects in third house

अर्थात ऐसा जातक तेजस्वी, काम  करने  में में चतुर जितेन्द्रियः मित्र तथा आप्त जनो के सुख से सम्पन्न और तीर्थयात्राएं करनेवाला होता है।

तृतीय भाव में गुरु और आपका स्वभाव | Jupiter Effects in Third House and your Nature

आप परिश्रम से अपने भाग्य का निर्माण करना चाहेंगे। आप जिस भी कार्य को प्रारम्भ करते है उसे पूरा करके ही दम लेते है।  इसी कारण आपको आपके काम में सफलता भी मिलती है। शास्त्र तथा धार्मिक ग्रन्थ पढ़ने में आपकी रूचि रहेगी। आप शास्त्रों के जानकार और अनेक प्रकार के धार्मिक कार्यों में संलग्न तथा उसे सम्पादित करने वाले व्यक्ति हैं। आपको घूमना अच्छा लगता है।   तीर्थयात्राएं करने में आपको बहुत ही आनंद आता है। आप कंजूस है और सभी कार्य कंजूसी भी करते है  बिना लाभ के आप कोई कार्य करना भी नहीं चाहते है। आप अपने कार्य में पूर्णतः चतुर हैं। कई बार ऐसा देखा गया है कि आपके स्वभाव में नीचता आ जाती है परन्तु यह आपके लिए ठीक नहीं है।

तृतीय भाव में गुरु और पारिवारिक जीवन | Jupiter Effects in Third House and Family life

आपका पारिवारिक जीवन सामान्यतः सुखद रहेगा। आपको अपने सगे भाइयों-बहनों और कुटुम्बियों से हमेशा  सुख मिलते रहेगा। आपका अपने भाइयों के प्रति सकारात्मक रूख रहेगा। आप उनके कल्याण के लिए हमेशा कार्य करते रहेंगे। अपने भाइयों के साथ हमेशा अच्छे सम्बंध बनाए रखने में ही आपका कल्याण निहित है। आपके भाई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति होंगे। आप मित्रों और अपनों के आशीर्वाद से सुखी और सम्पन्न जीवन व्यतीत करेंगे। अतः मित्रो तथा स्वजनों के प्रति सकारात्मक एवं  सहयोगात्मक व्यवहार आपको इच्छापूर्ति में मदद प्रदान करेगा। आपको अपने आत्मजनों से लाभ की प्राप्ति होगी। आपकी शादी परम्परागत रूप से होगी तथा दाम्पत्य जीवन सुखी रहेगा। घर के शुभ कार्यो में आप खर्च करेंगे।

 

तृतीय भाव में गुरु और व्यवसायिक स्थिति | Jupiter Effects in Third House and Business

तृतीय भाव में बैठकर गुरु भाग्य स्थान तथा लाभ भाव को देख रहे है इसका अर्थ है आपको अपने परिश्रम के बल पर ही अपने भाग्य का निर्माण करना चाहिए ऐसा करने से आपको अपने कार्यो से लाभ तथा कार्य में बढ़ोतरी होगी। आपको सरकार के द्वारा मान सम्मान मिलेगा । आप सरकार के अधीन काम करने वाले होंगे।  आप एक असिकारी की भूमिका निभाएंगे आपके अधीन बहुत सारे लोग काम करेंगे । आपको अपने बुद्धि विवेक के कारण लेखन से लाभ की प्राप्ति होगी। यदि आप लेखन को अपना व्यवसाय के रूप में लेते है तो अवश्य ही समाज में मान सम्मान को प्राप्त करेंगे।  इस स्थान में स्थित गुरु के जातक के लिए सर्वोत्तम व्यवसाय अध्यापक का हो सकता है।

तृतीय स्थान में गुरु पुरुष राशि में है तो आपकी उपजीविका नौकरी के द्वारा होगी। कई बार तो ऐसा देखा गया है की जातक अपना व्यवसाय छोड़कर नौकरी करने लगता है। यदि गुरु स्त्री राशि में है तो आपका अपना व्यवसाय होगा।

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