सिंहस्थ गुरु का प्रवेश एवं फल (Result of Jupiter Transit in Leo)

सिंहस्थ गुरु का प्रवेश एवं फल(Result of Jupiter Transit in Leo) प्रस्तुत लेख में दिया गया है। गुरु का सिंह राशि में प्रवेश मंगलवार दिनांक 14 July 2015 को सुबह 7:45 में हुआ है। गुरु इस राशि में 11 August 2016 तक रहेंगे। 12 वर्ष के बाद गुरु का सूर्य (Sun)की राशि सिंह में प्रवेश …

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षड मुखी रुद्राक्ष(Six Mukhi Rudraksh)धन प्रदान करता है

षड मुखी रुद्राक्ष(Six Mukhi Rudraksh) धन प्रदान करता है यह साक्षात् कार्तिकेय तथा गणेश का स्वरूप है इसके धारण करने से विद्या, बुद्धि तथा धन की वृद्धि होती है साथ ही भ्रूण हत्या (Feticide)  जैसे पापो से मुक्ति मिलती है। श्रीमद्भागवत पुराण में में इसे कार्तिकेय तथा रुद्राक्षवालोपनिषद् में कार्तिकेय के साथ गणेश कहा गया …

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पितृदोष से मुक्ति हेतु महाउपाय | Remedies for Pitrdosh

पितृदोष से मुक्ति हेतु महाउपाय में सूर्यदेव तथा माता-पिता का आशीर्वाद, पिंड दान,गाय की सेवा करना, पीपल में जल डालना इत्यादि शामिल है। पितृदोष मुख्य रूप से सूर्य(sun) के कमजोर होने, अशुभ ग्रहों के साथ युति,दृष्टि होने से होता है अतः यदि कुंडली में सूर्य ग्रह शुभ भाव का स्वामी होकर अशुभ ग्रहों के कारण …

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पितृ दोष के ज्योतिषीय कारण | Astrological Reason of Pitra Dosh

सामान्यतः पितृ दोष के ज्योतिषीय कारण(Astrological Reason of Pitra Dosh) का निर्धारण जन्म कुंडली में प्रथम,द्वितीय,पंचम,सप्तम,दशम और नवम भाव तथा सूर्य,राहु और शनि ग्रहों के आधार पर होता है। जन्मपत्री में नवम भाव को पिता तथा पूर्वजो का भाव कहा गया है। यह भाव जातक के लिए भाग्य स्थान भी है। इस कारण इस भाव का …

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पितृ दोष से होने वाले कष्ट | Trouble from Pitra Dosh

पितृ दोष से होने वाले कष्ट | Trouble from Pitra Dosh अपने जीवन यात्रा में जातक को अनेक प्रकार के कष्ट भोगने पड़ते है जिनमें पितृ दोष से होने वाले कष्ट (Trouble from pitra dosh) भी अत्यन्त महत्वपूर्ण है। सम्पूर्ण मानव जाति त्रिविध (आध्यात्मिक, आधिभौतिक, आधिदैविक) कष्ट भोगता है उनमें मृत पूर्वजों की अतृप्ति के …

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पितृ दोष क्या है | what is Pitra dosh

पितृ दोष क्या है | what is Pitra dosh आध्यात्म में श्रद्धा-विश्वास रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को पितृ दोष क्या है अवश्य ही जानना चाहिए। वस्तुतः पितृ दोष (Pitra Dosha)  पूर्व जन्म में किये गए कुकृत्यों तथा अतृप्त मृतात्मा का परिणाम है। संस्कृत में पितृ शब्द का प्रयोग पिता के लिए होता है। यहाँ पर पितृ शब्द …

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Santan Gopal Mantra | संतान गोपाल मन्त्र – पुत्र प्रदायक है

Santan Gopal Mantra / संतान गोपाल मन्त्र- पुत्र प्रदायक है  इसका जप  श्री कृष्णजी के बालरूप चित्र के समक्ष यदि पति-पत्नी दोनों संकल्पपूर्वक, प्रतिदिन, नियमित तथा विधिवत रूप से, धुप-दीप-नैवैद्य के साथ करते है तो जातक को अवश्य ही मनोवांछित पुत्र संतान की प्राप्ति होगी ऐसा शास्त्रीय वचन है। वस्तुतः शास्त्रों में संतान इच्छा पूर्ति …

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कुम्भ 2015 की मुख्य स्नान तिथियाँ (Bathing dates of kumbh 2015)

जिस दिन सूर्य(sun) सिंह राशि में प्रवेश करते है उसी दिन से सिंहस्थ (नासिक) कुम्भ 2015 की मुख्य स्नान तिथियाँ(Bathing dates of kumbh 2015) तथा काल प्रारम्भ हो जाता है। “कुम्भ” शब्द का शाब्दिक अर्थ “घड़ा” ही होता है परन्तु यह शब्द समग्र सृष्टि के कल्याणकारी अर्थ को अपने आप में समेटे हुए है क्योकि …

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Moon in Cancer sign

The native develop own style when Moon in cancer sign. Moon is always the third most important factor for horoscope but because it rules cancer its influence is considerably increased when placed cancer sign. If Moon in cancer signs then the persons signify following character. The native be instinct and practical. When worried, the individual will …

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कुम्भ पर्व क्यों मनाया जाता है | why kumbh Celebrate

कुम्भ पर्व क्यों मनाया जाता है | why kumbh Celebrate. कुम्भ पर्व क्यों मनाया जाता है, इस सम्बन्ध में एक कथा है – अमृत-मंथन के समय अमृत-कुम्भ की रक्षा करते समय पृथवी के जिस-जिस स्थान पर अमृत की बुँदे गिरी थी उस-उस स्थान (प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक) पर कुम्भ पर्व मनाया जाता है। यद्यपि कुम्भ …

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